तुम्ही मेरी मैया,
जीवन खिवैया,
तुम्ही आसरा हो,
तुम्ही आसरा हो,
कोई माँ की आँखों में,
देखे तो समझे,
की ममता भरी है,
की ममता भरी है।।
तर्ज – तुम्ही मेरी मंजिल।
जिधर देखती हूँ,
उधर तू ही तू है,
ना जाने मगर,
किन खयालो में तू है,
भक्तो को देख मैया,
जरा मुस्कुरादो,
नहीं तो वो समझेंगे,
की उनसे खफा हो,
तुम्ही मेरी मैया,
जीवन खिवैया,
तुम्ही आसरा हो,
तुम्ही आसरा हो।।
तू ही जग के माथे की,
बिंदिया की झिलमिल,
तू ही जग के हाथो की,
शक्ति की मंजिल,
ये जग है तेरी,
माटी की गुड़िया,
तू ही प्राण इसके,
तुम ही आत्मा हो,
तुम्ही मेरी मैया,
जीवन खिवैया,
तुम्ही आसरा हो,
तुम्ही आसरा हो।।
बहुत रात बीती,
मैया खड़ी है,
भक्तो के खातिर,
मैया कबसे जगी है,
इसे देखकर मैया,
ऐसा लगा है,
की जैसे करिश्मा,
जैसे हो रहा है,
तुम्हीं मेरी मैया,
जीवन खिवैया,
तुम्ही आसरा हो,
तुम्ही आसरा हो।।
तुम्हीं मेरी मैया,
जीवन खिवैया,
तुम्ही आसरा हो,
तुम्ही आसरा हो,
कोई माँ की आँखों में,
देखे तो समझे,
की ममता भरी है,
की ममता भरी है।।