राधा बन गई न्यायधीश,
और ललिता कप्तान,
के पकड़े गए कृष्ण भगवान,
के पकड़े गए कृष्ण भगवान।।
एक दिन ग्वालिन के घर जाकर,
माखन खाने लगे चुराकर,
जग पड़ी वो चतुर गुजरिया,
पकड़े गए दोउ कान,
के पकड़े गए कृष्ण भगवान।।
माखन खाने लगे मुरारी,
अब ना चोरी करूँ तुम्हारी,
एक बात ना सुनी ललिता ने,
तुरत किया चालान,
के पकड़े गए कृष्ण भगवान।।
नन्द बाबा की खोरी जाकर,
मुजरिम पेश किया है लाकर,
कहे विधाता सुन मेरी मैया,
बहुत किया नुकसान,
के पकड़े गए कृष्ण भगवान।।
करी वकालत जब मनसुख ने,
झूठा केस बनाया इसने,
कहे विधाता सुन मेरी मैया,
मैं बालक नादान,
के छोड़े गए कृष्ण भगवान।।
राधा बन गई न्यायधीश,
और ललिता कप्तान,
के पकड़े गए कृष्ण भगवान,
के पकड़े गए कृष्ण भगवान।।
स्वर – तृप्ति शाक्या।