आ जाओ ना बाईसा,
मेरे मकान में,
थारी छम छम पायल बाजे,
सारे जहान में,
आ जाओ न बाईसा।।
तर्ज – अफसाना लिख रही हूँ।
थारी पायल की छम छम से,
गणनायक आ गये,
गणेश जी आ गये,
रिद्धि सिद्धि संग लेके,
मेरे मकान में,
थारी छम छम पायल बाजे,
सारे जहान में,
आ जाओ न बाईसा।।
थारी पायल की छम छम से,
भोले जी आ गये,
शंकर जी आ गये,
माँ पार्वती को लेके,
मेरे मकान में,
थारी छम छम पायल बाजे,
सारे जहान में,
आ जाओ न बाईसा।।
थारी पायल की छम छम से,
कान्हा जी आ गये,
कृष्णा जी आ गये,
राधा रुक्मण संग लेके,
मेरे मकान में,
थारी छम छम पायल बाजे,
सारे जहान में,
आ जाओ न बाईसा।।
आ जाओ ना बाईसा,
मेरे मकान में,
थारी छम छम पायल बाजे,
सारे जहान में,
आ जाओ न बाईसा।।
गायक – श्री अनिल लाटा कलकत्ता।
लेखक / प्रेषक – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
9907023365