आज सोने रो सूरज उगियो,
दोहा – बाबो निरंजन आवीया,
अलख जोगीसर आप,
सोलंकी या ने वचन दियों,
तों जोगी निरंजन आय।
आज सोने रो सूरज उगियो,
ऐ सैया म्हारी,
नखत कंवर घर आय,
आवे म्हारी सैया,
राज कंवर घर आय।।
गढ़ रे चारण वाले मार्गा ऐ,
सैया म्हारी मार्गा ऐ,
सैया म्हारी,
झीणी झीणी उड़ें रे गुलाल,
नाथ निरंजन आवे संग में ऐ,
सैया म्हारी संग में ऐ,
सैया म्हारी,
संग भभुता सिद्ध आय,
आज सौने रो सुरज उगियो ऐ।।
कुण जी लेवे सिंद्ध रा वारणा ऐ,
सैया म्हारी,
कुण जी लेवे रे बधाय,
कुण जी लेवे सिंद्ध रा वारणा ऐ,
सैया म्हारी,
कुण जी लेवे रे बधाय,
बिरो सा लेवें सिंद्ध रा वारणा ऐ,
सैया म्हारी,
बहनड़ लेवें रे बधाय है
आज सौने रो सुरज उगियो ऐ।।
दोनों सिंद्धा के साथ में ऐ,
सहीया माहरी साथ में ऐ,
सैया म्हारी,
उबा निरंजन बाबो आप आवे,
म्हारी सहीया बाबो निरंजन आय,
चोक पुरायो गंज मोतिया ऐ,
सैया म्हारी मोतिया ऐ,
सखीया मंगल गाय है,
आज सौने रो सुरज उगियो ऐ।।
दास भीखे री विणती ऐ,
सहीया माहरी विणती ऐ,
राखो छतर वाली साव है,
सहीया म्हारी,
राखो छतर वाली साव है,
आज सौने रो सुरज उगियो ऐ।।
आज सौने रो सूरज उगियो,
ऐ सैया म्हारी,
नखत कंवर घर आय,
आवे म्हारी सैया,
राज कंवर घर आय।।
गायक – सम्पत जी उपाध्याय।
गाव मुझासर मो. 9829172655
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