बाबोसा मुझे तेरा सहारा,
थामे रहना हाथ हमारा,
अगर जो गिर मैं जाँऊ,
मुझे देना सहारा,
दुनिया से मैं हारा,
मैंने तुझको अपना माना,
झूठा है ये सारा जमाना,
तुझे छोड़के न जाँऊ,
मुझे देना सहारा,
दुनिया से मैं हारा।।
तर्ज – तेरा साथ है कितना प्यारा।
दिया उन्होंने मुझे दगा,
जिनसे की मैंने वफ़ा,
जिनसे की मैंने वफ़ा,
मुझको कोई फिकर नही,
बाबा जबसे तू मिला,
बाबा जबसे तू मिला,
तूने कृपा जो, है बरसाई,
है ये तेरी रहनुमाई,
तेरी पनाह में आऊँ,
मुझे देना सहारा,
दुनिया से मैं हारा।।
नही चहिये अब मुझे,
धन दौलत झूठी शान,
धन दौलत झूठी शान,
तन मन तुझपे वार दिया,
ये जीवन भी कुर्बान,
ये जीवन भी कुर्बान,
सर पे जो मेरे, है तेरा साया,
बड़ी मुश्किल से, मेने पाया,
मैं सबको ये बताऊँ,
मुझे देना सहारा,
दुनिया से मैं हारा।।
‘दिलबर’ जो विश्वास हो,
मन मे हो सच्ची लगन,
मन मे हो सच्ची लगन,
मंजू बाईसा में हमको,
बाबोसा के हो दर्शन,
बाबोसा के हो दर्शन,
सूरज के संग, कविता भी गाये,
सुरो की गंगा बहाये,
हमे गाना पड़ेगा,
भजन ये दुबारा,
मुझे देना सहारा,
दुनिया से मैं हारा।।
बाबोसा मुझे तेरा सहारा,
थामे रहना हाथ हमारा,
अगर जो गिर मैं जाँऊ,
मुझे देना सहारा,
दुनिया से मैं हारा,
मैंने तुझको अपना माना,
झूठा है ये सारा जमाना,
तुझे छोड़के न जाँऊ,
मुझे देना सहारा,
दुनिया से मैं हारा।।
गायक – सुरेश रांका एवम कविता शाह।
लेखक / प्रेषक – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
9907023365