जन्मे प्रभु श्याम कन्हाई है,
सारे जग में खुशियां छाई है,
सारे जग में खुशियां छाई है,
खाटू में खुशियां छाई है,
या के द्वार पे बजी शहनाई है,
सारे जग में खुशियां छाई है,
जन्मे प्रभु श्याम कन्हाई हैं,
सारे जग में खुशियां छाई है।।
तर्ज – मोहन से दिल क्यों लगाया है।
सांवरिया सुगढ़ सलोना है,
ऐसा देव हुआ ना होना है,
या के द्वार पे बटे मिठाई है,
सारे जग में खुशियां छाई है,
जन्मे प्रभु श्याम कन्हाई हैं,
सारे जग में खुशियां छाई है।।
कहीं ढोल नगाड़े बाज रहे,
तालन पे ठुमका लगा रहे,
कोई नाच के गाये बधाई है,
सारे जग में खुशियां छाई है,
जन्मे प्रभु श्याम कन्हाई हैं,
सारे जग में खुशियां छाई है।।
कोई बाँट रहा है रसगुल्ला,
कोई लुटा रहा चांदी छल्ला,
हर कोई कर रहा बढ़ाई है,
सारे जग में खुशियां छाई है,
जन्मे प्रभु श्याम कन्हाई हैं,
सारे जग में खुशियां छाई है।।
ये है दास ‘रविंदर’ का प्यारा,
‘प्राची’ का आँखों का तारा,
कोई नाच के गाये बधाई है,
सारे जग में खुशियां छाई है,
जन्मे प्रभु श्याम कन्हाई हैं,
सारे जग में खुशियां छाई है।।
जन्मे प्रभु श्याम कन्हाई है,
सारे जग में खुशियां छाई है,
सारे जग में खुशियां छाई है,
खाटू में खुशियां छाई है,
या के द्वार पे बजी शहनाई है,
सारे जग में खुशियां छाई है,
जन्मे प्रभु श्याम कन्हाई हैं,
सारे जग में खुशियां छाई है।।