ऐसो दातार कठे देख्यो ना सुण्यो जी,
शरण पड्या को बाबा काम बनावे जी,
आने जो ध्यावे वो तो मौज उड़ावे जी,
ऐसो दातार कठे देख्यों ना सुण्यो जी।।
तर्ज – आओ जी आओ म्हारा हिवड़े रा।
निज भगतां पर भीड़ पड़े तो,
झट से उबारे म्हारो श्याम धणी,
दर आये की आस पुरावे,
दर पे जो लेके आवे आस घणी,
दर पे जो लेके आवे आस घणी,
ऐसो दातार कठे देख्यों ना सुण्यो जी।।
आंधणिया ने आंख्या देवे,
पांगलिया ने देवे टांगड़ली,
निरधनियाँ ने दौलत देवे,
बेटो पावे अठे बांझणली,
बेटो पावे अठे बांझणली,
ऐसो दातार कठे देख्यों ना सुण्यो जी।।
बिन बोल्यां ही निज भगतां की,
पीर पिछाणै म्हारो सांवरियो,
‘हर्ष’ सुमिर ले कान्हूड़े ने,
घर भर देसी तेरो नटवरियो,
घर भर देसी तेरो नटवरियो,
ऐसो दातार कठे देख्यों ना सुण्यो जी।।
ऐसो दातार कठे देख्यो ना सुण्यो जी,
शरण पड्या को बाबा काम बनावे जी,
आने जो ध्यावे वो तो मौज उड़ावे जी,
ऐसो दातार कठे देख्यों ना सुण्यो जी।।
Singer – Mukesh Bagda