रूठ कर मुझसे मेरे श्याम,
कहाँ जाओगे,
सुनके करुणा भरी आवाज,
दौड़े आओगे,
रूठ कर मुझसें मेरे श्याम,
कहाँ जाओगे।bd।
जन्मों से आस लगी है,
तुम्ही से मोहन,
एक नज़र देख लो,
दीनो को दे दो दर्शन,
मन की वीणा में बसी,
तेरे ही स्वर की सरगम,
जिंदगी तेरे हवाले है,
कैसे ठुकराओगे,
रूठ कर मुझसें मेरे श्याम,
कहाँ जाओगे।bd।
हमने ठुकराए श्याम जग के,
ये झूठे रिश्ते,
ना कोई तेरे जैसा मीत,
कहूं मैं दिल से,
मैं तो तड़पा हूँ सारी उम्र,
क्या कहूं तुमसे,
इतने निष्ठुर हो कहाँ ढूँढू,
कहाँ पाओगे,
रूठ कर मुझसें मेरे श्याम,
कहाँ जाओगे।bd।
दिल की बगिया मेरी वीरान है,
सूखा गुलशन,
आओ शबनम की नमी बनकर,
हरा हो ये चमन,
दर्द क्या जाने कोई,
आंसू बहाए यूँ ‘रमन’,
आखरी शाम है जीवन की,
कब आओगे,
रूठ कर मुझसें मेरे श्याम,
कहाँ जाओगे।bd।
रूठ कर मुझसे मेरे श्याम,
कहाँ जाओगे,
सुनके करुणा भरी आवाज,
दौड़े आओगे,
रूठ कर मुझसें मेरे श्याम,
कहाँ जाओगे।bd।
स्वर – रमन भैय्या।
( श्री धाम वृंदावन )