ना कर मान बंदेया,
एक दिन मिट्टी में मिल जाना।।
मिट्टी बिछा ले मिट्टी ओढ़ ले,
मिट्टी का बना ले सिरहाना,
एक दिन ऐसा आएगा,
तू मिटटी में मिल जाना,
ना कर मान बँदेया,
एक दिन मिट्टी में मिल जाना।।
लकड़ी केंदी सुन ओ बंदेया,
मोल मान न मेरा जाना,
एक दिन ऐसा आएगा,
मैंने तुझे जलाना,
ना कर मान बँदेया,
एक दिन मिट्टी में मिल जाना।।
मिट्टी केन्दी सुन ओ बन्देया,
मोल न मेरा जाना,
एक दिन ऐसा आएगा,
तूने मिट्टी में जल जाना,
ना कर मान बँदेया,
एक दिन मिट्टी में मिल जाना।।
कपड़ा केंदा सुन ओ बन्देया,
मोल न मेरा जाना,
एक दिन ऐसा आएगा,
तूने कफन है मेरा पाणा,
ना कर मान बँदेया,
एक दिन मिट्टी में मिल जाना।।
ना कर मान बंदेया,
एक दिन मिट्टी में मिल जाना।।
गायक / प्रेषक – विजय शास्त्री जी।
904112255