पाना है यदि प्रभु को,
तो प्यार में मिलेगा,
कण कण में ढूंढो प्यारे,
कण कण में ढूंढो प्यारे,
संसार में मिलेगा,
पाना हैं यदि प्रभु को,
तो प्यार में मिलेगा।।
जिस रूप में जो दर्शन,
चाहा उसे मिला है,
भक्तों से अपने प्रभु का,
ऐसा ही सिलसिला है,
तट पर किसी को राही,
तट पर किसी को राही,
मझधार में मिला है,
पाना हैं यदि प्रभु को,
तो प्यार में मिलेगा।।
कहने का मेरे इतना प्रभुजी,
केवल समझ लो आशय,
आंखे है गर तुम्हारी,
एक प्यार का जलाशय,
प्रेम अश्रु में नहाता,
प्रेम अश्रु में नहाता,
रस धार में मिलेगा,
पाना हैं यदि प्रभु को,
तो प्यार में मिलेगा।।
फूलों के बीच की खुशबू,
बनकर महक रहा है,
कलरव में पक्षियों के,
सुन लो चहक रहा है,
फूलों के पास ढूंढो,
फूलों के पास ढूंढो,
हर खार में मिलेगा,
पाना हैं यदि प्रभु को,
तो प्यार में मिलेगा।।
पाना है यदि प्रभु को,
तो प्यार में मिलेगा,
कण कण में ढूंढो प्यारे,
कण कण में ढूंढो प्यारे,
संसार में मिलेगा,
पाना हैं यदि प्रभु को,
तो प्यार में मिलेगा।।
Singer – Devendra Pathak Ji