तोसे हो गई अखियां चार,
सांवरे खाटू में,
खाटू में खाटू में,
सांवरे खाटू में,
तुमसे हो गई अंखियां चार,
सांवरे खाटू में।।
निहार रहा था,
छवि तुम्हारी,
दिल में बस गई,
सूरत प्यारी,
तुमसे जुड़ गए,
दिल के तार,
सांवरे खाटू में,
तुमसे हो गई अंखियां चार,
सांवरे खाटू में।।
मुझे कभी भी ना,
श्याम भुलाना,
हर ग्यारस पे,
दर पे बुलाना,
मेरे बाबा लखदातार,
सांवरे खाटू में,
तुमसे हो गई अंखियां चार,
सांवरे खाटू में।।
देर करो ना श्याम,
गौर करो अब,
नजरे मेरी,
ओर करो अब,
‘जालान’ करे मनुहार,
सांवरे खाटू में,
तुमसे हो गई अंखियां चार,
सांवरे खाटू में।।
तोसे हो गई अखियां चार,
सांवरे खाटू में,
खाटू में खाटू में,
सांवरे खाटू में,
तुमसे हो गई अंखियां चार,
सांवरे खाटू में।।
गायक – राजेश राणा।
लेखक – पवन जालान।
9416059499