ओम जय श्रीयादे माता,
मैया जय श्रीयादे माता,
तुमको ब्रह्मा विष्णु,
शंकर नित्य ध्याता,
ओम जय श्रीयादे माता।।
विश्व ब्रह्माण्ड निवासी,
ज्योतिर्मय माता,
धरा-गगन मध्य विचरे,
ओंकारा ध्याता,
ओम जय श्रीयादे माता।।
मृगमद टीकों करमपर,
माथे मुकुट सौहे,
सुरज जैसों मुखड़ों,
त्रिभुवन मन मोहे,
ओम जय श्रीयादे माता।।
भुज अनन्त अति शोभित,
चावण्डा महाराणी,
दुर्गा रुप निहारे,
सन्तन की वाणी,
ओम जय श्रीयादे माता।।
भजन करण मन माला,
हाथ लिनी माता,
कर कमण्डल कलशियो,
शालिग्राम दाता,
ओम जय श्रीयादे माता।।
तुम ब्रह्माणी रुद्राणी,
तुम विष्णु राणी,
निर्गुण-सरगुण बखाणी,
तुम शिव पटरानी,
ओम जय श्रीयादे माता।।
श्वेत स्वरुप सुन्दरी,
केसर वस्त्र धारी,
सिंह सवारी विराजत,
भक्तजन हितकारी,
ओम जय श्रीयादे माता।।
दे उपदेश प्रहलाद को,
अमर घुटी पाई,
श्रीमुख नाम उचार्यो,
हरि भज सुख दाई,
ओम जय श्रीयादे माता।।
हिरणाकुश संहारे,
बनकर नरसिंहा,
पल में बैंकुण्ठ भेज्यो,
प्रकटी फाड़ खम्बा,
ओम जय श्रीयादे माता।।
त्रिभुवन यश विस्तारा,
गुण गावे देवा,
सुर-नर-मुनि सब नित्य ही,
करें विविध सेवा,
ओम जय श्रीयादे माता।।
मातेश्वरी की आरती,
जो कोई नर गावे,
कहत ‘रतन’ वो प्राणी,
सुख-सम्पत्ति पावे,
ओम जय श्रीयादे माता।।
ओम जय श्रीयादे माता,
मैया जय श्रीयादे माता,
तुमको ब्रह्मा विष्णु,
शंकर नित्य ध्याता,
ओम जय श्रीयादे माता।।
गायक – कैलाशचन्द्र ब्रह्मभट्ट।
रचना – पं. रतनलाल प्रजापति।
सहयोगी – श्रीप्रजापति समाज बंधु।
मो – 9929519818