सतगुरु जी महाराज मोपे,
दोहा – सतगुरु जिनका नाम है,
और घट के भीतर धाम,
ऐसे दीनदयाल को,
मेरा बारम्बार प्रणाम।
सतगुरु जी महाराज मोपे,
साई रंग डाला साई रंग डाला,
हरि रंग डाला कृष्ण डाला।।
शब्द की चोंट लगी घट भीतर,
भेद गया तन सारा,
शब्द की चोंट लगी घट भीतर,
भेद गया तन सारा,
भेद गया तन सारा,
साई रंग डाला साई रंग डाला,
हरि रंग डाला कृष्ण डाला।।
सुर नर मुनिजन पीर औलिया,
कोई नहीं पावे पारा,
सुर नर मुनिजन पीर औलिया,
कोई नहीं पावे पारा,
कोई नहीं पावे पारा,
साई रंग डाला साई रंग डाला,
हरि रंग डाला कृष्ण डाला।।
साहिब कबीर सबद रंग रंगिया,
सब रंग से रंग न्यारा,
साहिब कबीर सबद रंग रंगिया,
सब रंग से रंग न्यारा,
सब रंग से रंग न्यारा,
साई रंग डाला साई रंग डाला,
हरि रंग डाला कृष्ण डाला।।
सतगुरु जी महाराज मो पे,
साई रंग डाला साई रंग डाला,
हरि रंग डाला कृष्ण डाला।।
Singer – Mukesh Kumar Meena