रंग रंगीला फागुन आया,
चलो श्याम के द्वारे,
खाटू में जो लगा है मेला,
अदभुत है नजारे,
हाथो में निशान लेकर,
चला श्याम का टोला,
आया है आया है,
फ़ागुन का मेला,
खाटू का मेला ये,
फ़ागुन का मेला।।
तर्ज – नगाड़ा नगाडा।
दुल्हन सी ये सज गई है,
खाटू नगरियाँ प्यारी,
देश विदेशो से आते है,
लाखो नर और नारी,
श्याम के दर पे जाने को,
मन भक्तो का डोला,
आया है आया है,
फ़ागुन का मेला,
खाटू का मेला ये,
फ़ागुन का मेला।।
खाटू नगर की हर गलियों में,
रंग गुलाल उड़ेगा,
मेरा सांवरिया भक्तो के,
संग होली खेलेगा,
रंग चढ़ेगा हर भक्तो पे,
होगा ये मंजर अलबेला,
आया है आया है,
फ़ागुन का मेला,
खाटू का मेला ये,
फ़ागुन का मेला।।
रींगस से खाटू तक देखो,
पद यात्री का रेला,
लहराते निशान हाथो में,
सतरंगी कोई पिला,
बुला रहा ‘दिलबर’ भक्तो को,
खाटू का श्याम रंगीला,
आया है आया है,
फ़ागुन का मेला,
खाटू का मेला ये,
फ़ागुन का मेला।।
रंग रंगीला फागुन आया,
चलो श्याम के द्वारे,
खाटू में जो लगा है मेला,
अदभुत है नजारे,
हाथो में निशान लेकर,
चला श्याम का टोला,
आया है आया है,
फ़ागुन का मेला,
खाटू का मेला ये,
फ़ागुन का मेला।।
गायक – श्री हर्ष व्यास मुम्बई।
लेखक – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365