लो फागुन आया रे,
मस्तियाँ लाया रे,
नाचो दीवानो झूम के,
अरे ये मेला है श्याम का,
लो फागुण आया रे,
मस्तियाँ लाया रे,
नाचो दीवानो झूम के।।
तर्ज – हम तुम चोरी से।
खाटू में बाबा के,
भक्तों की भीड़ समाई,
श्याम ध्वजा ले नाचे,
हाथो में लोग लुगाई,
डंका आज बज रहा,
बज रहा,
चहुँ और श्याम का,
लो फागुण आया रे,
मस्तियाँ लाया रे,
नाचो दीवानो झूम के।।
मंदिर में सजधज के,
बैठा है लखदातारी,
रंग अबीर उड़ाओ,
और मारो भर पिचकारी,
रंग दो ना प्रेम से,
प्रेम से,
दरबार श्याम का,
लो फागुण आया रे,
मस्तियाँ लाया रे,
नाचो दीवानो झूम के।।
खूब धमाल मचेगी,
अजी खाटू नगरी चालो,
बाबा की चौखट पे,
जाकर के घूमर घालो,
बोलो ज़ोर से,
ज़ोर से,
जयकारा श्याम का,
लो फागुण आया रे,
मस्तियाँ लाया रे,
नाचो दीवानो झूम के।।
एक बरस में भक्तों,
फागुन का मेला आया,
‘हर्ष’ कहे बाबा ने,
खाटू में हमें बुलाया,
पाओगे जान लो,
जान लो,
तुम प्यार श्याम का,
लो फागुण आया रे,
मस्तियाँ लाया रे,
नाचो दीवानो झूम के।।
लो फागुन आया रे,
मस्तियाँ लाया रे,
नाचो दीवानो झूम के,
अरे ये मेला है श्याम का,
लो फागुण आया रे,
मस्तियाँ लाया रे,
नाचो दीवानो झूम के।।
Singer – Priyanka Chandak