मनाई हम सबने,
योग आश्रम में होली,
सतगुरु जी के संग खेली हमने,
फूलों वाली होली।।
प्रातः काल की शुभ शुभ वेला,
भक्तजनों का लग गया मेला,
भक्तजनों का लग गया मेला,
सतगुरु के अहवाह्न पर सब,
आए खेलने होली,
मनायी हम सबने,
योग आश्रम में होली।।
होली खेलने संगत आई,
संग फूलों की झोली लाई,
संग फूलों की झोली लाई,
फूलों की संगत संग खेली,
गुरुदेव ने होली,
मनायी हम सबने,
योग आश्रम में होली।।
नाचते गाते संगत ने,
इक देखा खूब नज़ारा,
इक देखा खूब नज़ारा,
सबको मिठाई खिलाके मनाई,
सतगुरू देव ने होली,
मनायी हम सबने,
योग आश्रम में होली।।
ऐसी अनोखी होली देखके,
‘श्याम’ का मन ये चाहे,
सभी का मन ये चाहे,
योग आश्रम में सतगुरु संग,
हर बार ही खेलें होली,
मनायी हम सबने,
योग आश्रम में होली।।
मनाई हम सबने,
योग आश्रम में होली,
सतगुरु जी के संग खेली हमने,
फूलों वाली होली।।
स्वर एवं लेख – घनश्याम मिढ़ा।
भिवानी हरियाणा 9034121523