कर ले कबूल,
एक विनती मेरी,
श्याम अपने चरणों में,
दे दे नौकरी,
यही पहली इच्छा है,
यही आखरी,
श्याम अपने चरणो में,
दे दे नौकरी।।
यहाँ वहाँ दुनिया,
घुमाती है मुझको,
उंगली पे अपनी,
नचाती है मुझको,
हार गया करके,
दुनिया की चाकरी,
श्याम अपने चरणो में,
दे दे नौकरी।।
जैसा कहेगा तू,
वैसा ही करूँगा,
चौखट पे तेरी,
पड़ा मैं रहूंगा,
सारी ही मर्जी,
चलेगी तेरी,
श्याम अपने चरणो में,
दे दे नौकरी।।
मुझपे ये होगा तेरा,
अहसान बाबा,
‘शर्मा’ का कर दे,
कल्याण बाबा,
‘संजय’ और ‘दीप’ को,
आरज़ू तेरी,
श्याम अपने चरणो में,
दे दे नौकरी।।
कर ले कबूल,
एक विनती मेरी,
श्याम अपने चरणों में,
दे दे नौकरी,
यही पहली इच्छा है,
यही आखरी,
श्याम अपने चरणो में,
दे दे नौकरी।।
गायक – संजय-दीप।
8802322403