पैदल चलता चलता,
जय बोलो श्रीयादे माता की,
श्रीयादे माता की,
जय श्रीयादे माता की।।
पेदल चलता आवे जातरी,
नौरतां माहीं,
जागती है ज्योत् ज्वाला,
मंदिरियां माहीं।।
कर में कलशियों,
मन में माला,
नारायण को ध्यान,
आवडा में मंजियां तारियां,
दिदो जीवन दान।।
आद भवानी मां परमेश्वर,
सिद्धेश्वर की नार,
भगती परच्यो जाणे जामण,
सारो यो संसार।।
मातरी कुण्ड़ियां मेन रोड़ पे,
जंगी थारो धाम,
मंदिर माय बिराजे जामण,
महिमा मात महान।।
भजन उगावे पेदल चलता,
थारो ‘रतन’ लाल,
म्हारा मन की आस पुराज्यो,
थारो हूं सवाल।।
पैदल चलता चलता,
जय बोलो श्रीयादे माता की,
श्रीयादे माता की,
जय श्रीयादे माता की।।
गायक – पं. रतनलाल प्रजापति।
निर्देशक – किशनलाल जी प्रजापत।