प्रभु पर कर भरोसा,
तेरी बिगड़ी बनाएंगे,
है सारे नाते झूठे,
वही नाता निभाएंगे,
प्रभु पर कर भरोंसा।।
संसार तो है इक मेला,
तूने अब तक ये जाना नहीं,
ये तन माटी का ढेला,
तूने अब तक क्यूँ माना नहीं,
जगत फंदों से प्राणी,
वही तुमको बचाएंगे,
प्रभु पर कर भरोंसा।।
ये दौलत माल खजाना,
कुछ साथ न जायेगा तेरे,
क्या होगा तेरा ठिकाना,
कर्मों पे सब निर्भर तेरे,
तेरे दुर्गुण ही तुझको,
लेकर डूब जायेंगे,
प्रभु पर कर भरोंसा।।
जग में आकर इस जग को,
अब तक ना तू पहचान सका,
क्यूँ आया कहाँ है जाना,
‘मानस’ अब तक ना जान सका,
प्रभु का नाम जप ले,
वही बस काम आएंगे,
प्रभु पर कर भरोंसा।।
प्रभु पर कर भरोसा,
तेरी बिगड़ी बनाएंगे,
है सारे नाते झूठे,
वही नाता निभाएंगे,
प्रभु पर कर भरोंसा।।
गायक – मनीष कुमार मानस।
9955017179