दुर्गा जी के मन्दिर में,
गूंज रही जयकार,
मईया की जयकार बोलते,
भक्त खड़े दरबार,
वैष्णो माँ के मन्दिर में,
गूंज रही जयकार।।
भक्तों ने मैया का मंदिर,
फूलों से सजाया है,
मईया के स्वागत के लिए,
रोशनी से चमकाया है,
जहां पे आके मैया रानी,
देंगी सबको दीदार,
वैष्णो माँ के मन्दिर में,
गूंज रही जयकार।।
मां अम्बे जगदम्बे की,
सब पर किरपा होती है,
प्यारे दुलारे भक्तों की मैया जी,
झोलियां भरती है,
सबकी मुरादें पूरी करती,
देती सबको दुलार,
वैष्णो माँ के मन्दिर में,
गूंज रही जयकार।।
देवलोक के देव सभी,
माँ का ही गुणगान करें,
उनके दुःख तकलीफों का,
मां ही समाधान करे,
सभी देवगण मिलकर करते,
मईया का गुणगान,
वैष्णो माँ के मन्दिर में,
गूंज रही जयकार।।
भक्तिभाव व सच्ची लगन से,
जो मां के दर आयेगा,
अपनी भाव भरी वाणी से,
मन की बात सुनाएगा,
‘श्याम’ सभी के मन के भाव मां,
कर लेगी स्वीकार,
वैष्णो माँ के मन्दिर में,
गूंज रही जयकार।।
दुर्गा जी के मन्दिर में,
गूंज रही जयकार,
मईया की जयकार बोलते,
भक्त खड़े दरबार,
वैष्णो माँ के मन्दिर में,
गूंज रही जयकार।।
लेख एवम स्वर – घनश्याम मिढ़ा भिवानी।
मोबाईल – 9034121523