जो भी दरबार से पाया,
वो सब तुम्हारा है,
तेरे रहते मेरे बाबा,
ना कोई हारा है,
जों भी दरबार से पाया,
वो सब तुम्हारा है।।
मेरे मालिक मेरे ठाकुर,
तेरा जवाब नहीं,
तेरी किरपा का मेरे बाबा,
कोई हिसाब नहीं,
झूठी माया झूठी काया,
ये भ्रम हमारा है,
जों भी दरबार से पाया,
वो सब तुम्हारा है।।
तुझको आवाज देके बाबा,
क्यों बुलाऊँ मैं,
हर घडी हर जगह पे बाबा,
तुझको पाऊं मैं,
मेरी धड़कन मेरी सांसो,
पे हक़ तुम्हारा है,
जों भी दरबार से पाया,
वो सब तुम्हारा है।।
मेरी खुशियां मेरी दुनियां,
मेरी पहचान है तू,
जो ना चाहा वो भी पाया,
मेरी मुस्कान है तू,
बिन तेरे ‘श्याम’ का जहाँ में,
ना गुजारा है,
Bhajan Diary Lyrics,
जों भी दरबार से पाया,
वो सब तुम्हारा है।।
जो भी दरबार से पाया,
वो सब तुम्हारा है,
तेरे रहते मेरे बाबा,
ना कोई हारा है,
जों भी दरबार से पाया,
वो सब तुम्हारा है।।
Singer – Amol Shubham Parashar