जगमग जगमग ज्योत जली,
हम करे तेरा आहवान,
अब तो दर्शन दे दो,
श्री बाबोसा भगवान।।
दरबार सजा बड़ा प्यारा,
क्या गजब का है ये नजारा,
तेरी मूरत है बड़ी प्यारी,
लगे चाँद सा मुखड़ा तुम्हारा,
बाबोसा शरण में तेरी,
हम तो लगाये ध्यान,
अब तो दर्शन दे दों,
श्री बाबोसा भगवान।।
बैठ गये आसन पर,
श्री मंजू बाईसा हमारे,
आयेगे बाबोसा,
भक्तो के पालनहारे,
टलने न देंगे बाबोसा,
अपने भक्तों का मान,
अब तो दर्शन दे दों,
श्री बाबोसा भगवान।।
सब भक्तो की बाबोसा,
अब तुमपे टिकी नजर है,
कब होंगे दर्शन हमको,
सब चाहते तेरी महर है,
देर न करना अब बाबोसा,
निकल न जाये प्राण,
अब तो दर्शन दे दों,
श्री बाबोसा भगवान।।
जब आयेगे बाबोसा,
छायेगी खुशियाँ अपार,
गूंजेगी मेरे बाबोसा की,
चहुँ ओर जय जयकार,
पूरी होगी मुराद ‘दिलबर’,
कर दिल से तू गुणगान,
अब तो दर्शन दे दों,
श्री बाबोसा भगवान।।
जगमग जगमग ज्योत जली,
हम करे तेरा आहवान,
अब तो दर्शन दे दो,
श्री बाबोसा भगवान।।
गायक – मनीष भटट मुम्बई।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365