घट घट में श्री राम समाए,
कण कण में श्री राम,
तू भज ले राम राम,
तू भजले राम राम,
श्री राम जय राम,
जय जय राम,
श्री राम जय राम,
जय जय राम।।
जो सुख है श्री राम भजन में,
सो सुख मिले ना कहीं जगत में,
प्रभु सुमिरन करने में तेरा,
कौड़ी लगे ना दाम,
तू भजले राम राम,
तू भजले राम राम,
श्री राम जय राम,
जय जय राम,
श्री राम जय राम,
जय जय राम।।
ग्रंथ पुराण वेद भी कहते,
राम भजो यह जीवन रहते,
भवसागर से तर जाएगा,
ले लो राम का नाम,
तू भजले राम राम,
तू भजले राम राम,
श्री राम जय राम,
जय जय राम,
श्री राम जय राम,
जय जय राम।।
दुनिया से तू कर के किनारा,
बन जा तू श्री राम का प्यारा,
तेरी नईया के राम खेवईया,
वही लगाएं पार,
तू भजले राम राम,
तू भजले राम राम,
श्री राम जय राम,
जय जय राम,
श्री राम जय राम,
जय जय राम।।
घट घट में श्री राम समाए,
कण कण में श्री राम,
तू भज ले राम राम,
तू भजले राम राम,
श्री राम जय राम,
जय जय राम,
श्री राम जय राम,
जय जय राम।।
गायक – मनीष पाण्डेय।
9558956016