ओ कान्हा रे आजा रे,
मुझे कुछ हो रहा है,
कहाँ तू सो रहा है,
याद में तेरी कब से,
मेरा दिल रो रहा है,
ओ कान्हां रे आजा रे,
ओ कान्हां रे आजा रे।।
तर्ज – ओ यारा वे यारा वे।
लाख बुलाया तुझको मोहन,
लेकिन तू ना आया,
आखिर तेरे दर्शन को,
ये दिल मेरा भर आया,
कभी मुस्काना तेरा,
हमें तड़पाना तेरा,
नैनो से नैन मिलाकर,
कभी इतराना तेरा,
बहुत याद आ रहा है,
बड़ा तरसा रहा है,
ओ कान्हां रे आजा रे,
ओ कान्हां रे आजा रे।bd।
सूनी आंखे पल पल कान्हा,
तेरी राह निहारे,
इन नैनो की प्यास बुझाने,
जल्दी से तू आ रे,
चांद का टुकड़ा जैसे,
तेरा ये मुखड़ा जैसे,
संवरना ऐसे तेरा,
सजा हो बनड़ा जैसे,
बहुत याद आ रहा है,
सितम सा ढा रहा है,
ओ कान्हां रे आजा रे,
ओ कान्हां रे आजा रे।bd।
आज अगर तुम ना आओगे,
होगी लोग हसाई,
‘हर्ष’ ज़माने भर में होगी,
आज तेरी रुसवाई,
तेरा चोरी से आना,
तेरा माखन चुराना,
कदम के नीचे कान्हा,
तेरा मुरली बजाना,
बहुत याद आ रहा है,
सताये जा रहा है,
ओ कान्हां रे आजा रे,
ओ कान्हां रे आजा रे।bd।
ओ कान्हा रे आजा रे,
मुझे कुछ हो रहा है,
कहाँ तू सो रहा है,
याद में तेरी कब से,
मेरा दिल रो रहा है,
ओ कान्हां रे आजा रे,
ओ कान्हां रे आजा रे।।
गायक – मुकेश बागड़ा जी।
प्रेषक – रवि अग्रवाल।
9301653989
RAM ram