श्याम श्याम बोल,
सहारा मिलेगा,
सहारा मिला तो,
किनारा मिलेगा,
श्याम श्याम बोंल,
सहारा मिलेगा।।
अंजान राहे,
तू राही अकेला,
मत ना फसो,
देख दुनिया का मेला,
कोई ना संग में,
तुम्हारे चलेगा,
श्याम श्याम बोंल,
सहारा मिलेगा।।
कुछ तो समझले,
कहाँ तेरी मंज़िल,
मंज़िल बिना,
ज़िन्दगी बड़ी मुश्किल,
मुश्किल को आसान,
सांवरिया करेगा,
श्याम श्याम बोंल,
सहारा मिलेगा।।
करके भरोसा,
प्रभु को मनाले,
करके विनय प्रेम,
भगवन का पा ले,
आंखों से माया का,
पर्दा हटेगा,
श्याम श्याम बोंल,
सहारा मिलेगा।।
लाखो है किस्से,
प्रभु की कृपा के,
चलती है दुनिया,
प्रभु की दया से,
‘नंदू’ जो भूला,
भवर में फसेगा,
श्याम श्याम बोंल,
सहारा मिलेगा।।
श्याम श्याम बोल,
सहारा मिलेगा,
सहारा मिला तो,
किनारा मिलेगा,
श्याम श्याम बोंल,
सहारा मिलेगा।।
स्वर / रचना – नंदू जी शर्मा।
प्रेषक – रवि अग्रवाल।
9301653989