मेरे गुरु ही गोविन्द है,
दूसरा ना कोई,
मेरे संत ही भगवंत है,
दूसरा ना कोई।bd।
करता करे ना कर सके,
गुरु किए सब होय,
सात द्वीप नवखण्ड में,
गुरु से बड़ा ना कोय,
मेरे गुरु ही गोविंद है,
दूसरा ना कोई,
मेरे संत ही भगवंत है,
दूसरा ना कोई।bd।
प्याला प्रभु के प्रेम का,
गुरु ने दियो पिवाय,
पी करके मस्ती चढ़ी,
आनंद उर ना समाय,
मेरे गुरु ही गोविंद है,
दूसरा ना कोई,
मेरे संत ही भगवंत है,
दूसरा ना कोई।bd।
गुरु गुरु गोविन्द गुरु,
गोविन्द गुरु गोविन्द,
गुरु गोविन्द दोऊ एक है,
गुरु में दरसे गोविन्द,
मेरे गुरु ही गोविंद है,
दूसरा ना कोई,
मेरे संत ही भगवंत है,
दूसरा ना कोई।bd।
मेरे गुरु ही गोविन्द है,
दूसरा ना कोई,
मेरे संत ही भगवंत है,
दूसरा ना कोई।bd।
स्वर – श्री चित्र विचित्र बिहारी दास जी महाराज।