आओ भोग लगाओ बाबोसा,
छप्पन भोग तैयार जी।
दोहा – छप्पन भोग लगवा थाने,
घणी करा मनुहार,
वेगा पधारो बाबोसा,
भोला भगता रे द्वार।
आओ भोग लगाओ बाबोसा,
छप्पन भोग तैयार जी,
टाबरिया सेवा में हाजिर,
करे थारी मनुहार जी,
सेवा और सत्कार जी,
आओं भोग लगाओ बाबोसा,
छप्पन भोग तैयार जी।।
भाँति भाँति की लियाया मिठाई,
घेवर ओर काजू कतली,
लाडू बूंदी कलाकंद रबड़ी,
बर्फी है केशर वाली,
पेड़ा इमरती बालू शाही,
रस गुल्ला मजेदार जी,
टाबरिया सेवा में हाजिर,
करे थारी मनुहार जी,
सेवा और सत्कार जी,
आओं भोग लगाओ बाबोसा,
छप्पन भोग तैयार जी।।
नमकीन है बड़ो चटपटो,
और भुजिया पापड़ चिवडो,
दाल मोठ कचोरी पपड़ी,
सागे बाजरे को खीचड़ो,
कड़ी राबड़ी साग सांगरी को,
फलका जोरदार जी,
टाबरिया सेवा में हाजिर,
करे थारी मनुहार जी,
सेवा और सत्कार जी,
आओं भोग लगाओ बाबोसा,
छप्पन भोग तैयार जी।।
आम और अंगूर अन्नानास,
चीकू पपीता संतरा,
केला सेब सीताफल अमरूद,
कीवी और नारियल हरा,
शक्कर कंद ककड़ी खरबूजा,
मोसम्बी रसदार जी,
टाबरिया सेवा में हाजिर,
करे थारी मनुहार जी,
सेवा और सत्कार जी,
आओं भोग लगाओ बाबोसा,
छप्पन भोग तैयार जी।।
काजू किशमिस अंजीर छुहारा,
खोपरा और बादाम जी,
बड़े चाव सु लिय्याया बाबोसा,
म्हे ड्राई फूड तमाम जी,
सोंफ इलाइची पान रसिलो,
थे करो स्वीकार जी,
टाबरिया सेवा में हाजिर,
करे थारी मनुहार जी,
सेवा और सत्कार जी,
आओं भोग लगाओ बाबोसा,
छप्पन भोग तैयार जी।।
छप्पन भोग जिमाके बाबोसा,
टाबरिया हर्षाया है,
धन्य घड़ी धन्य भाग्य हमारा,
बाबोसा घर आया है,
साँचो प्रेम जो होवे ‘दिलबर’,
आवे बाबोसा उस द्वार जी,
टाबरिया सेवा में हाजिर,
करे थारी मनुहार जी,
सेवा और सत्कार जी,
आओं भोग लगाओ बाबोसा,
छप्पन भोग तैयार जी।।
आओं भोग लगाओ बाबोसा,
छप्पन भोग तैयार जी,
टाबरिया सेवा में हाजिर,
करे थारी मनुहार जी,
सेवा और सत्कार जी,
आओं भोग लगाओ बाबोसा,
छप्पन भोग तैयार जी।।
गायिका – सोनू माहेश्वरी।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
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