ना भागता फिरता ना कूदता गिरता,
ना ही किसी के संग खेल खेलता,
सुन माता अंजना ध्यान से,
तेरा लल्ला अखाड़े में दंड पेलता।।
देखे – बालाजी ने लाड़ लड़ावे माता।
वायु को अपने भीतर भरे है,
छत्तीसों आसन योगा करे है,
रस्सा लटक जाये खम्बे पे डट जाये,
गोदे की गोदी में खेल खेलता,
सुन माता अँजना ध्यान से,
तेरा लल्ला अखाड़े में दंड पेलता।।
मारे गलाचा जब ताल ठोके,
रखदे सभी को धोबी सा धोके,
हो कोई बलवान या फिर पहलवान,
सबको ही मिट्टी में रेलपेलता,
सुन माता अँजना ध्यान से,
तेरा लल्ला अखाड़े में दंड पेलता।।
राम ही शिक्षा राम ही दीक्षा,
राम ही फल है राम परीक्षा,
राम उसका हर काम राम उसकी व्यायाम,
बस राम नाम की रोट बेलता,
सुन माता अँजना ध्यान से,
तेरा लल्ला अखाड़े में दंड पेलता।।
तैरे तो तैरे दौड़े तो दौड़े,
बैठक लगाये मुद्गर ना छोड़े,
गिनती जो गिनती लगाये तो गिनती की,
गिनती को गिन गिन के टेलटेलता,
सुन माता अँजना ध्यान से,
तेरा लल्ला अखाड़े में दंड पेलता।।
वो सब सहे जो सहते बने ना,
‘श्याम’ कवि से कहते बने ना,
सोना तपाने को कुंदन बनाने को,
तन पे हजारों ये कष्ट झेलता,
सुन माता अँजना ध्यान से,
तेरा लल्ला अखाड़े में दंड पेलता।।
ना भागता फिरता ना कूदता गिरता,
ना ही किसी के संग खेल खेलता,
सुन माता अंजना ध्यान से,
तेरा लल्ला अखाड़े में दंड पेलता।।
गायक – संदीप करोसिया।
प्रेषक – सुरेन्द्र पवार।
9893280180