अम्बे मैया तेरी मेहरबानी रहे,
फिर तो दुःख की ना नामो निशानी रहे।
तर्ज – गंगा मैया में जबतक ये पानी।
श्लोक – मौज सबको,
नसीब नहीं होती,
जिंदगी सबकी,
खुशनसीब नहीं होती,
पर हो गई जिसपे,
मैया की मेहरबानी,
जिंदगी उसकी,
बदनसीब नहीं होती।
मैया ओ अम्बे मैया,
मैया ओ अम्बे मैया,
अम्बे मैया तेरी मेहरबानी रहे,
फिर तो दुःख की ना नामो निशानी रहे,
नामो निशानी रहे,
मैया ओ अम्बे मैया,
मैया ओ अम्बे मैया।।
तू है अम्बे तू ही है माँ काली,
तू ही चामुंडी और खप्पर वाली,
देती वरदान है धन और संतान है,
जपता तुमको सदा जो भी प्राणी रहे,
जो भी प्राणी रहे,
मैया ओ अम्बे मैया,
मैया ओ अम्बे मैया।।
तुमको पूजे है सब जग के प्राणी,
है दयालु बड़ी माँ भवानी,
सबपे करती दया तू सदा दुर्गे माँ,
चाहे निर्धन हो या राजा रानी रहे,
राजा रानी रहे,
मैया ओ अम्बे मैया,
मैया ओ अम्बे मैया।।
‘शर्मा’ चरणों में सर है झुकाता,
हाथ रख दो मेरे सर पे माता,
लिखू तेरे भजन होके मस्त मगन,
‘लख्खा’ गाता तेरी मेहरबानी रहे,
मेहरबानी रहे,
मैया ओ अम्बे मैया,
मैया ओ अम्बे मैया।।
मैया ओ अम्बे मैया,
मैया ओ अम्बे मैया,
अम्बे मैया तेरी मेहरबानी रहे,
फिर तो दुःख की ना नामो निशानी रहे,
नामो निशानी रहे,
मैया ओ अम्बे मैया,
मैया ओ अम्बे मैया।।