ये मेरी कश्ती तेरे हवाले,
पतवार तेरे हाथ बाबोसा,
तूफान में भी डूबे न नैया,
है मुझको तुझपे इतना भरोसा।।
तर्ज – जिहाले मस्कीं।
वो आके दिल में है ऐसे बैठे,
के मेरा जीवन बदल गया है,
बाबोसा नाम जपे जो कोई,
उसका जीवन संवर गया है।।
तुफा में भी नाव चल रही है,
तू माझी बनके चला रहा है,
मिलेगी मंजिल जरूर मुझको,
खुद रास्ता तू दिखा रहा है।।
भरोसा मेरा न टूट जाये,
मेरा नसीब न रूठ जाये,
तुझपे ही ठहरी उम्मीदें मेरी,
अब मेरा हौसला तू ही बढ़ाये।।
जिसने लिया है नाम तुम्हारा,
तुमने दिया है उसको सहारा,
जिसपे भी डाली तुमने नजर ये,
जीवन में वो कभी हिम्मत न हारा।।
बाबोसा बस तेरी ही कृपा से,
काम मेरा चल रहा है,
तेरी दुआ का असर है ‘दिलबर’,
के नाम मेरा चल रहा है।।
ये मेरी कश्ती तेरे हवाले,
पतवार तेरे हाथ बाबोसा,
तूफान में भी डूबे न नैया,
है मुझको तुझपे इतना भरोसा।।
गायिका – दिव्या वर्मा मुम्बई।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
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