दरबार है खाटू वाले का,
ये भक्तो के रखवाले का,
यहाँ कष्ट मिटाए जाते है,
रोते भी हंसाए जाते है।।
तर्ज – ये देश है वीर जवानों का।
कलयुग का देव निराला है,
रहता हरदम मतवाला है,
मेरे श्याम की महिमा भारी है,
लीले कि करे सवारी है।।
लाखों नर नारी आय रहे,
चरणों में शीश नवाए रहे,
ये सब की विनती सुनता है,
आशाएं पूरी करता है।।
रोगी का रोग मिटाता है,
अंधा भी आँखे पाता है,
बांझन की बाबा गोद भरे,
पतितों का ये उद्धार करे।।
दुखियों से बाबा प्यार करे,
भक्तों के ये भंडार भरे,
जो इसका सुमिरण करता है,
उसके सब संकट हरता है।।
कोई जय जयकार मनाए रहा,
कोई निशान लेकर आय रहा,
कोई सिर पर सिगड़ी लाता है,
कोई पेट पलनिया आता है।।
जो सच्चे मन से ध्याता है,
मनवांछित फल वो पाता है,
तू झटपट आजा द्वारे पे,
यहाँ कमी नहीं भंडारे में।।
जिसे श्याम रंग चढ़ जाता है,
जीवन में मौज उड़ाता है,
‘बिन्नू’ तुम काहे देर करो,
श्री श्याम प्रभु से प्रीत करो।।
दरबार है खाटू वाले का,
ये भक्तो के रखवाले का,
यहाँ कष्ट मिटाए जाते है,
रोते भी हंसाए जाते है।।
Singer – Upasana Mehta