लाल लाल चुनरी सितारो वाली,
सितारो वाली,
जिसे ओढकर आई है,
माँ शेरोवाली,
जिसको ब्रह्मा ने बनाया,
जिसको विष्णु ने सजाया,
जिसको भोले ने रंग में रंग डाली,
लाल लाल चुनरी सितारों वाली,
सितारो वाली,
जिसे ओढकर आई है,
माँ शेरोवाली।।
रंग चुनरी का शक्ति अपार देता,
पाप मन में बसे इसको मार देता,
जिसने सारी अला बला,
भगतो की टाली,
जिसे ओढकर आई है,
माँ शेरावाली।।
इसके कोने में रिद्धि- सिद्धि रहती है,
शुभ और लाभ भक्तो को देती है,
भक्तो के मन को यह चुनरी भाने वाली,
जिसे ओढकर आई है,
माँ शेरावाली।।
जिसको ब्रह्मा ने बनाया,
जिसको विष्णु ने सजाया,
जिसको भोले ने रंग में रंग डाली,
लाल लाल चुनरी सितारों वाली,
सितारो वाली,
जिसे ओढकर आई है,
माँ शेरावाली।।
माँ के सर पे यह चुनड़ी,
सुहानी लगती,
सारी दुनिया है माँ की,
दीवानी लगती,
दुख के बादल दूर यह,
भगाने वाली,
जिसे ओढकर आई है,
माँ शेरावाली।।
अपनी चुनरी की छाया में,
बिठा ले ‘श्याम’ को,
‘लक्खा’ जपता रहे,
माँ तुम्हारे नाम को,
भक्तो को दे दे माँ,
अमृत की प्याली,
जिसे ओढकर आई है,
माँ शेरावाली।।
लाल लाल चुनरी सितारो वाली,
सितारो वाली,
जिसे ओढकर आई है,
माँ शेरावाली,
जिसको ब्रह्मा ने बनाया,
जिसको विष्णु ने सजाया,
जिसको भोले ने रंग में रंग डाली,
लाल लाल चुनरी सितारों वाली,
सितारो वाली,
जिसे ओढकर आई है,
माँ शेरावाली।।
टिप्पणी:mujhe ye bhajan bahut achchha laga