धर्म ध्यान जप तप भक्ति की,
बहेगी निर्मल धारा,
आया महापर्व हमारा,
ये पर्व पर्युषण प्यारा,
सत्य अहिंसा को अपना,
चले धर्म राह जग सारा,
आया महा पर्व हमारा,
ये पर्व पर्युषण प्यारा।।
देखे – पर्वो में पर्व पर्युषण न्यारा।
आठ दिनों का पर्व ये प्यारा,
हम जैनो का ये त्योहार,
जिनवाणी की वर्षा होगी,
सजेंगे मंदिर और घर द्वार,
करके तपस्या सभी तपस्वी,
करेंगे आत्मा का उद्धार,
जिनशासन की बगियाँ में,
छायेगी एक अजब बहार,
त्रिशला नंदन महावीर का,
जब गूँजेगा जयकारा,
आया महा पर्व हमारा,
ये पर्व पर्युषण प्यारा।।
प्रथम दिवस पर्युषण का,
प्रभु से प्रीत लगाना है,
दूसरे दिवस पर हमको,
मन के भरम मिटाना है,
तीसरे दिन जीवन के,
कर्म और कष्ट भगाना है,
चौथे दिन पर हम सबको,
अवगुण दोष मिटाना है,
पांचवे ओर छठे दिन का,
करो लेखा जोखा सारा,
आया महा पर्व हमारा,
ये पर्व पर्युषण प्यारा।।
सातवां दिन जब आये,
पर्युषण का हो जाना तैयार,
वर्ष भर में मन वच काया से,
कैसा रहा अपना व्यवहार,
संवत्सरी पर बेर भाव को,
छोड़ तू बन जाना उदार,
मिच्छामि दुक्कड़म है कहना,
सबसे ‘दिलबर’ बारम्बार,
पर्व पर्युषण होगा ‘सूरज’,
तब ये सफल हमारा,
आया महा पर्व हमारा,
ये पर्व पर्युषण प्यारा।।
धर्म ध्यान जप तप भक्ति की,
बहेगी निर्मल धारा,
आया महापर्व हमारा,
ये पर्व पर्युषण प्यारा,
सत्य अहिंसा को अपना,
चले धर्म राह जग सारा,
आया महा पर्व हमारा,
ये पर्व पर्युषण प्यारा।।
गायक – सूरज राठौर सुमेरपुर।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365