दर पर तेरे आया हूँ बाबा,
मुझको तुम अपना लो ना,
जैसा भी हूँ अब तेरा हूँ,
मुझको गले लगा लो ना,
बुझा हुआ किस्मत का तारा,
बाबा तुम चमक दो ना,
दर पर तेरे आया हूं बाबा,
मुझको तुम अपना लो ना।।
तर्ज – फूल तुम्हे भेजा है।
सारे जग ने ठुकराया है,
अब तुम ही कदम बढ़ा लो ना,
इस हारे हुए को बाबा,
तुम ही जीत दिला दो ना,
तुम्हारे इस पागल प्रेमी को,
तुम ही प्रीत सिखा दो ना,
दर पर तेरे आया हूं बाबा,
मुझको तुम अपना लो ना।।
लायक नहीं नालायक हूं मैं,
थोड़ी कृपा दिखला दो ना,
नालायक पर कृपा करके,
अपने लायक बना लो ना,
भक्ति की शक्ति देकर के,
अपने पास बुला लो ना,
जैसा भी हूं अब तेरा हूं,
मुझको गले लगा लो ना,
दर पर तेरे आया हूं बाबा,
मुझको तुम अपना लो ना।।
मतलब की दुनिया में मुझे अब,
अपना ना कोई नजर आए,
बिन सहारे तेरे बाबा,
दुनिया में कैसे जिया जाए,
हाथ पकड़ लो अब मेरा तुम,
अपनी शरण बैठा लो ना,
दर पर तेरे आया हूं बाबा,
मुझको तुम अपना लो ना।।
दर पर तेरे आया हूँ बाबा,
मुझको तुम अपना लो ना,
जैसा भी हूँ अब तेरा हूँ,
मुझको गले लगा लो ना,
बुझा हुआ किस्मत का तारा,
बाबा तुम चमक दो ना,
दर पर तेरे आया हूं बाबा,
मुझको तुम अपना लो ना।।
गायक / प्रेषक – विवेक अग्रवाल।
9057555647