गोरा गोरा रुप देख्या,
भगमे से बाणे में,
माथे पै चँदा,
भगमे से बाणे म्ह,
गोरा गोरा रुप देख्यां,
भगमे से बाणे म्ह।।
धूणा लाकै बैठया बाबा,
नयी सी उमर का,
सोने की ज्यूं चमकै जणू,
रुप ईश्वर का,
रुप ईश्वर का,
रुप ईश्वर का,
ओम शिव ओम शिव,
मग्न होरया गाणे म्ह,
गोरा गोरा रुप देख्यां,
भगमे से बाणे म्ह।।
बैठ कै नै ठाल्ली वो तो,
घड़या सै विधाता नै,
भाग म्ह फकीरी लिखी,
बैरण बेह माता नै,
बैरण बेह माता नै,
बैरण बेह माता नै,
अलख जगावै और,
फिरै सै जमाने म्ह,
गोरा गोरा रुप देख्यां,
भगमे से बाणे म्ह।।
जूडे़ घणे नर नारी,
बाबा जी के धूणे पै,
कटरही बेमारी सारी,
बाबा जी के धूणे पै,
बाबा जी के धूणे पै,
बाबा जी के धूणे पै,
तूरन्त सूणाई होरी,
तपधारी के थाणे म्ह,
गोरा गोरा रुप देख्यां,
भगमे से बाणे म्ह।।
होग्या दिवाना प्यारे,
रुप का गजेन्द्र,
वास करो गोरख प्यारे,
सून्ना मन मन्दिर,
सून्ना मन मन्दिर,
सून्ना मन मन्दिर,
लक्की शर्मा,
रात जगाणे म्ह,
गोरा गोरा रुप देख्यां,
भगमे से बाणे म्ह।।
गोरा गोरा रुप देख्या,
भगमे से बाणे में,
माथे पै चँदा,
भगमे से बाणे म्ह,
गोरा गोरा रुप देख्यां,
भगमे से बाणे म्ह।।
गायक – लक्की शर्मा।
लेखक – गजेन्द्र स्वामी।
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