करिए ना दिल तै दूरी,
तेरा मनै साथ जरूरी,
तू हे तो बालाजी मेरी जान सै।।
तर्ज – हांसू तो हांस्या ना जा।
तोते की तरियां मेरी जान तेरे म्ह,
बालकपण तै लाग्या ध्यान तेरे म्ह,
छाती कै लाकै राखूं,
फोटो सजा कै राखूं,
तू हे तो बालाजी मेरी जान सै।।
तेरे चरणों की बाबा धूल मिले जा,
उस तै हे मेरे मन की कलियां खिले जा,
काया का अंग अंग बाबा,
तेरे पै अर्पण बाबा,
तू हे तो बालाजी मेरी जान सै।।
तेरा हाथ जब तै टिक्या मेरे सर हो,
लागता कोन्या बाबा दुनिया तै डर हो,
हाथां नै मत ना ठाइए,
दर दर मनै ना भटकाइए,
तू है तो बालाजी मेरी जान सै।।
सतगुरु सतबीर लावै ग्यान का घोटा,
पीग्या गजेन्द्र स्वामी अमृत का लोटा,
लक्की तेरे चरण का दासा,
बाबा दे मेट निराशा,
तू है तो बालाजी मेरी ज्यान सै।।
करिए ना दिल तै दूरी,
तेरा मनै साथ जरूरी,
तू हे तो बालाजी मेरी जान सै।।
लेखक – गजेन्द्र स्वामी कुड़लण।
9996800660
गायक – लक्की शर्मा।