चलो चलो सखी यमुना के तीर,
बंसी बजाई श्याम ने।
दोहा – मोहन ने जादूभरी,
बंसी बजाई आधी रेन,
सुन मुरली की तान सखी,
मेरा दिल हो गया बेचैन।
चलो चलो सखी यमुना के तीर,
बंसी बजाई श्याम ने,
सुन के पागल भई अधीर,
बंसी बजाई श्याम ने,
चलों चलों सखी यमुना के तीर,
बंसी बजाई श्याम ने,
बंसी बजावे प्यारो नंदलाला,
रास रचावे संग ब्रज बाला।bd।
बंसी की तान ऐसा जादू सा कर गई,
लोक लाज कुल कान सारी बिसर गई,
मेरा हिये धरे नहीं धीर,
बंसी बजाई श्याम ने,
चलों चलों सखी यमुना के तीर,
बंसी बजाई श्याम ने।bd।
आई शरद की ये रेन प्यारी प्यारी,
बंसी की धुन सुन मैं भई मतवारी,
मिलने प्रीतम से चलो मेरी बीर,
बंसी बजाई श्याम ने,
चलों चलों सखी यमुना के तीर,
बंसी बजाई श्याम ने।bd।
‘चित्र विचित्र’ नाचे ताता थैया,
सखियन के संग रास खेले कन्हैया,
मिटे मेरी भी विरहा की पीर,
बंसी बजाई श्याम ने,
चलों चलों सखी यमुना के तीर,
बंसी बजाई श्याम ने।bd।
चलों चलों सखी यमुना के तीर,
बंसी बजाई श्याम ने,
सुन के पागल भई अधीर,
बंसी बजाई श्याम ने,
चलों चलों सखी यमुना के तीर,
बंसी बजाई श्याम ने,
बंसी बजावे प्यारो नंदलाला,
रास रचावे संग ब्रज बाला।bd।
Singer – Shri Chitra Vichitra Ji Maharaj