कभी माता बनके,
कभी पिता बनके,
चले आना बाबोसा,
चले आना,
कभी बंधु बनके,
कभी सखा बनके,
चलें आना बाबोसा,
चले आना।।
तुम हनुमत रूप में आना,
घोटा हाथ लेके,
आशीर्वाद देने,
चलें आना बाबोसा,
चले आना।।
तुम दिव्य कृपा बरसाना,
दया दृष्टि करके,
करुणा सागर बनके,
चलें आना बाबोसा,
चले आना।।
तुम कष्ट सभी के मिटाना,
भभूति हाथ लेके,
तांती साथ लेके,
चलें आना बाबोसा,
चले आना।।
तुम भक्तो की रक्षा करना,
सबके संकट हरने,
बलाये दूर करने,
चलें आना बाबोसा,
चले आना।।
तुम बाईसा रूप में आना,
आके भक्तो को दर्श दिखाना,
हनुमत रूप लेके,
दिव्य स्वरूप लेके,
चलें आना बाबोसा,
चले आना।।
तुम घर घर में बाबोसा आना,
बाईसा का संकल्प निभाना,
‘दिलबर’ करे भक्ति,
देना आके शक्ति,
चलें आना बाबोसा,
चले आना।।
कभी माता बनके,
कभी पिता बनके,
चले आना बाबोसा,
चले आना,
कभी बंधु बनके,
कभी सखा बनके,
चलें आना बाबोसा,
चले आना।।
गायिका – तृप्ति शाक्या।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365