जनमदिन श्याम धणी को आयो रे,
सगळा मिलकर खाटू चाला,
श्याम रिझावाँ रे,
श्याम रिझावाँ रे चालो,
भजन सुणावा रे।।
देखे – जन्मदिन आया रे मेरे श्यामधणी का।
इंदौर से टिकट कटवा ल्यो,
साथ में रख ल्यो चूरमो,
म्हारे बाबा ने भावे मीठो,
ना खावे यो तीखो,
तुम भी थोड़ो लेकर चालो रे,
सगळा मिलकर खाटू चाला,
श्याम रिझावाँ रे।।
रींगस से खाटू चालो फिर,
उठाल्यो एक निशान,
धरती से अम्बर तक गूंजे,
श्याम की जय जयकार,
तुम भी जयकारो लगाल्यो रे,
सगळा मिलकर खाटू चाला,
श्याम रिझावाँ रे।।
खाटू माहि बैठ्यो सांवरो,
जगत सेठ कहलावे,
बड़ा बड़ा राजा भी ऐ के,
आगे शीश झुकावे,
तुम भी जाकर आशीष पाल्यो रे,
सगळा मिलकर खाटू चाला,
श्याम रिझावाँ रे।।
खाटू नगरी खूब सजी है,
स्वर्ग भी लागे फीको,
सूरज चाँद भी नज़र उतारे,
ऐसो प्यारो मुखडो,
‘ऋतिक’ दिल से बधाई देवे रे,
सगळा मिलकर खाटू चाला,
श्याम रिझावाँ रे।।
जनमदिन श्याम धणी को आयो रे,
सगळा मिलकर खाटू चाला,
श्याम रिझावाँ रे,
श्याम रिझावाँ रे चालो,
भजन सुणावा रे।।
Singer & Lyrics – Ritik Yadav