बिना बईल गेरी गाड़ी,
गुरु सिंगाजी न,
बिना बईल गेरी गाडी रे,
हो आसी राजा का द्वार पर ठाड़ी,
गुरु सिंगाजी न,
बिना बईल गेरी गाडी रे।।
रस्ता चलंता जेको,
मरम नी जाण्या,
गुरु सिंगा की,
लीला नी पहिचाण्या,
देखी रहया नैना उघाड़ी,
गुरु सिंगाजी न,
बिना बईल गेरी गाडी रे।।
निर्गुण पंत गुरु,
सिंगा को निरालो,
आपणा भक्त न को,
छे रखवालो,
असो निर्जीव दियो चलाड़ी,
गुरु सिंगाजी न,
बिना बईल गेरी गाडी रे।।
गुरु सिंगा की,
लीला बड़ी न्यारी,
श्रंगी ऋषि का,
छे अवतारी,
या पूंजी थी रे पुराणी,
गुरु सिंगाजी न,
बिना बईल गेरी गाडी रे।।
बिना बईल गेरी गाड़ी,
गुरु सिंगाजी न,
बिना बईल गेरी गाडी रे,
हो आसी राजा का द्वार पर ठाड़ी,
गुरु सिंगाजी न,
बिना बईल गेरी गाडी रे।।
गायक – रमेश महाराज।
Upload By – Daksh Gayak
9343941430