ना ही हैलो कहो,
ना ही हाय कहो,
मिलो किसी से,
जय माता दी,
बहना भाई कहो,
ना ही हैलो कहो,
ना ही हाय कहो।।
तर्ज – ना मुँह छुपा के जिओ।
हर एक काम बने,
माँ का नाम जपने से,
ये झूठे जग में,
ये झूठे जग में,
इसी को खरी कमाई कहो,
ना ही हैलो कहो,
ना ही हाय कहो।।
जो जय कहेंगे,
मन वाणी हो पावन उनकी,
भला है सबका,
भला है सबका,
ये सबसे बड़ी भलाई कहो,
ना ही हेलो कहो,
ना ही हाय कहो।।
जय जय माता दी,
कहने की आदत डालो,
कहीं भी जाओ,
कहीं भी जाओ,
भले लेनी हो विदाई कहो,
ना ही हेलो कहो,
ना ही हाय कहो।।
नाम मेरी माँ का,
सच्चा जपो सदा हरदम,
हर एक रोग की,
हर एक रोग की,
बस ये ही है दवाई कहो,
ना ही हेलो कहो,
ना ही हाय कहो।।
सुबह जय माता दी,
कहके ही खुले आँखे,
रात सोते हुए,
रात सोते हुए,
जो नींद आई कहो,
ना ही हेलो कहो,
ना ही हाय कहो।।
‘सरल’ ना भूलो ना छोड़ो,
रीती रिवाज अपने,
चलन में लाए हो,
चलन में लाए हो,
क्यों ये रीत ये पराई कहो,
ना ही हेलो कहो,
ना ही हाय कहो।।
ना ही हैलो कहो,
ना ही हाय कहो,
मिलो किसी से,
जय माता दी,
बहना भाई कहो,
ना ही हैलो कहो,
ना ही हाय कहो।।