तुम ही मेरे जीवन की,
पतवार हो भोले।
दोहा – यूँ तो क्या क्या,
नजर नहीं आता,
तेरा चेहरा नजर नहीं आता,
झोलिया भर जाती है मगर,
देने वाला नजर नहीं आता।
उज्जैन में विराजे,
महाकाल डमरू वाले,
क्षिप्रा के तट बिराजे,
महाकाल शंभू मेरे,
तुम ही मेरे जीवन की,
पतवार हो भोले।।
ना मांगू हीरे मोती,
ना चाहु बंगला गाड़ी,
तेरे दर पे आ खड़ा हूं,
दर्शन की भीख मेरी,
बनती सबकी बिगड़ी,
दरबार तेरे भोले,
तुम हीं मेरे जीवन की,
पतवार हो भोले।।
तुम जल थल अंबर में,
तुम हो नगर नगर में,
तुम हो लहर लहर में,
सृष्टि के कण कण में,
तेरी दया से चलता,
संसार ये भोले,
तुम हीं मेरे जीवन की,
पतवार हो भोले।।
दोहा – शिव समान दाता नही,
विपद विदारण हार,
लज्जा मोरी राखियो,
शिव नंदी के असवार।
मस्तक पे चंद्र आधा,
जटा में गंग धारा,
गले में सर्प माला,
पहने है मृगछाला,
तूने किया जीवन को,
साकार मेरे भोले,
तुम हीं मेरे जीवन की,
पतवार हो भोले।।
उज्जैन में विराजे,
महाकाल डमरू वाले,
क्षिप्रा के तट बिराजे,
महाकाल शंभू मेरे,
तुम हीं मेरे जीवन की,
पतवार हो भोले।।
गायक – विकास राठौर (माली)।
9074791145