म्हारा अंगना पधारो गणपति,
श्लोक – वक्रतुण्ड महाकाय,
सूर्यकोटि समप्रभ,
निर्विघ्नं कुरु मे देव,
सर्वकार्येषु सर्वदा।
म्हारा अंगना पधारो गणपति,
रिद्धि सिद्धि के संग आओ गणराजा,
म्हारा गणराजा,
म्हारा अँगना पधारो गणपति।।
मुसक सवारी आओं गजानंद,
आओ गजानंद बैठो सिंहासन,
लडूअन का भोग लगाऊं,
म्हारा गणराजा,
म्हारा अँगना पधारो गणपति।।
विघ्न को हरना मंगल करना,
मंगल करना सब दुःख हरना,
पान फुल और हार चडाऊ,
म्हारा गणराजा,
म्हारा अँगना पधारो गणपति।।
खुशियों के तुम सार गजानंद,
कर दो बेडा पार गजानंद,
तेरी महिमा अपरम्पार हो,
म्हारा गणराजा,
म्हारा अँगना पधारो गणपति।।
म्हारा अँगना पधारों गणपति,
रिद्धि सिद्धि के संग आओ गणराजा,
म्हारा गणराजा,
म्हारा अँगना पधारो गणपति।।
गायक – विकास राठौर।