कब दर्शन देंगे,
राम परम हितकारी।
दोहा – भीलनी परम तपस्विनी,
शबरी जाको नाम,
गुरु मतंग कह कर गए,
तोहे मिलेंगे राम।
कब दर्शन देंगे,
राम परम हितकारी,
कब दर्शन देंगें,
राम दीन हितकारी,
रस्ता देखत शबरी की,
उमर गई सारी,
रस्ता देखत शबरी की,
उमर गई सारी।।
कही कोई कांटा,
प्रभु को नहीं चुभ जाए,
पलकन मग झारे,
चुन चुन पुष्प बिछाए,
मीठे फल चखकर,
मीठे फल चखकर,
नित्य सजाएं थारी,
रस्ता देखत शबरी की,
उमर गई सारी,
रस्ता देखत शबरी की,
उमर गई सारी।।
श्री राम चरण में,
प्राण बसे शबरी के,
प्रभु दर्शन दे तो,
भाग जगे शबरी के,
रघुनाथ प्राणनिधि,
रघुनाथ प्राणनिधि,
पर जीवन बलिहारी,
रस्ता देखत शबरी की,
उमर गई सारी,
रस्ता देखत शबरी की,
उमर गई सारी।।
कब दर्शन देंगें,
राम परम हितकारी,
कब दर्शन देंगें,
राम दीन हितकारी,
रस्ता देखत शबरी की,
उमर गई सारी,
रस्ता देखत शबरी की,
उमर गई सारी।।
स्वर – अनुराधा जी पौडवाल।