भवन में आ जाओ गोगा जी,
गोरख भी अलख जगा रे स।।
नाथा की माया न्यारी,
या जाणे थामने दूनिया सारी,
देवे पल म काट बिमारी,
इनके खेल निराले स,
गोरख भी अलख जगा रे स।।
पिरा म पीर निराला,
देवे खोल भ्रम का ताला,
चाले घोड़ा पाडे चाले,
नाहर सिंह धर्म निभारे स,
गोरख भी अलख जगा रे स।।
बांगड़ म धाम बणाया,
गुरु चेलया न रंग जमाया,
भगता न वैसा पाया,
जो जो जैसी अर्ज लगा रे स,
गोरख भी अलख जगा रे स।।
दीपक गालव दर आवे,
थारे नाम के भजन बणावे,
बिला राणा संग म सुणावे,
साज ये सुर म बजा रे स,
गोरख भी अलख जगा रे स।।
भवन में आ जाओ गोगा जी,
गोरख भी अलख जगा रे स।।
Singer – Billa Rana
Lyrics – Deepak Galav
9053460307