गजानंद आओ तुम्हें हम मनाए,
चरणों में तेरे हम मस्तक झुकाए।।
माता उमा पिता शंकर है देवा,
रिद्धि के दाता हो कार्तिक के बंन्धु,
हो कार्तिक के बंधु,
लाडू और मोदक का भोग लगाए,
चरणो मे तेरे हम मस्तक झुकाये,
गजानन्द् आओं तुम्हें हम मनाए,
चरणों मे तेरे हम मस्तक झुकाये।।
विनती सुनो मेरे गिरजा दुलारे,
विश्वास करके तुम्हे हम पुकारे,
तुम्हे हम पुकारे,
हो विघ्न विनायक नाम कहावे,
चरणो मे तेरे हम मस्तक झुकाये,
गजानन्द् आओं तुम्हें हम मनाए,
चरणों मे तेरे हम मस्तक झुकाये।।
गजानंद आओ तुम्हें हम मनाए,
चरणों में तेरे हम मस्तक झुकाए।।
गायक – राम चौहान।
8103408528