मारो श्याम सुणसी रे,
अरज मारो श्याम सुणसी रे,
मनडा सिंगोली में चाल,
अरज मारो श्याम सुणसी रे।।
सिंगोली में मंदिर भारी,
शोभा है अति प्यारी जी,
दुर दुर सु आवे थारे,
दुनिया रा नर नारी जी,
भरोसो माने भारी रे,
अरज मारो श्याम सुणसी रे,
मनड़ा सिंगोली में चाल,
अरज मारो श्याम सुणसी रे।।
चेत सुधी अमावश थारे,
मेलों लागे भारी जी,
भगता के संग होली खेलों,
मनडो यो हरसावे जी,
भगत ये रंग उडावे रे,
अरज मारो श्याम सुणसी रे,
मनड़ा सिंगोली में चाल,
अरज मारो श्याम सुणसी रे।।
केसर बरणो रूप ठाकुर जी,
मुख मोत्या सु चमके जी,
काना वाला कुंडल दमके,
कमर्या सजी कटारी जी,
सुरत या प्यारी लागे रे,
अरज मारो श्याम सुणसी रे,
मनड़ा सिंगोली में चाल,
अरज मारो श्याम सुणसी रे।।
सज धज के रथडा पे विराजो,
हाथी घोड़ा लारे जी,
भगता के संग होली खेलों,
महिमा बरणी ना जाई जी,
देव`की लाज राखी रे,
अरज मारो श्याम सुणसी रे,
मनड़ा सिंगोली में चाल,
अरज मारो श्याम सुणसी रे।।
मारो श्याम सुणसी रे,
अरज मारो श्याम सुणसी रे,
मनडा सिंगोली में चाल,
अरज मारो श्याम सुणसी रे।।
गायक – देव शर्मा आमा।
8290376657