म्हारा भजना में रंग बरसाजे,
हो रे नंद लाल,
हा रे नंद लाल,
म्हारा गाया रा गोपाल,
महारा भजना म रंग बरसाजे,
होर नंद लाल।।
बचपन सु हि नटखट छो,
यो यशोदा को लाल,
लीला रची अनगिनती की,
जिन सुमर जगत तमाम,
तु आकर माखन खा जे र,
हो रे नंद लाल,
महारा भजना म रंग बरसाजे,
होर नंद लाल।।
गोवर्धन सा पर्वत न लिनयो,
चिटली माई उठाई,
घमंड तोड़ दी इंद्र को जद,
सुमरण लाग्यो आर,
शीश झुका दी आकर रे,
हो रे नंद लाल,
महारा भजना म रंग बरसाजे,
होर नंद लाल।।
कुबेर दे दियों मोती जिन,
धरती दियों उगाय,
बनगो पेड़ बढ़िया,
सिप मोती दिया लगाय,
थारी लीला न कुण जानी र,
हो रे नंद लाल,
महारा भजना म रंग बरसाजे,
होर नंद लाल।।
नाम बना विकास सैन यो हि,
अमर छ छाक,
मात पिता गुरु की कृपा,
महारे पे अपार,
म्हारी राग काड़ दे न्यारी र,
हो रे नंद लाल,
महारा भजना म रंग बरसाजे,
होर नंद लाल।।
म्हारा भजना में रंग बरसाजे,
हो रे नंद लाल,
हा रे नंद लाल,
म्हारा गाया रा गोपाल,
महारा भजना म रंग बरसाजे,
होर नंद लाल।।
गायक व लेखक – विकास कुमार सैन।
मो. 9314314453