गजानंद बाबा बुला रया छ,
घर का तन सारा रे,
आजा बैठ उन्दरा माल,
घरा महारा रे,
आजा बैठ उन्दरा माल,
घरा महारा रे।।
जयपुर जिला की शान बड़ा री,
मोती डूंगरी थारी,
मेट दी जे पीड़ सारी,
लाज राख जे म्हारी,
संग म रिद्धि सिद्धि ने भी,
साथ थार ल्याजे र,
आजा बैठ उन्दरा माल,
घरा महारा रे।।
सब स पेली तने ध्यावा,
कारज करदे सारा,
मंगल गाव कामणि र थार,
बजा रया म बाजा,
थार छपन थाली को,
भोग लगावा र,
आजा बैठ उन्दरा माल,
घरा महारा रे।।
शीश उपर उठा रख्या तन,
मात पिता ये महारा,
जाव बुद्ध न द्वार पर,
थार खूब बजा रया बाजा,
थार चरणा माई,
शीश निवावा रे,
आजा बैठ उन्दरा माल,
घरा महारा रे।।
छन्द जोड़ कर गायो अर्जी,
सुन ली जे तु म्हारी,
विकास सैन का भजना माई,
मोहर लगा दे थारी,
म्हारो नाम चला दे,
सारी दुनिया माही र,
आजा बैठ उन्दरा माल,
घरा महारा रे।।
गजानंद बाबा बुला रया छ,
घर का तन सारा रे,
आजा बैठ उन्दरा माल,
घरा महारा रे,
आजा बैठ उन्दरा माल,
घरा महारा रे।।
गायक व लेखक – विकास कुमार सैन।
मो. 9314314453