मैया कलयुग रा थे,
कहीजो अवतारी।
दोहा – जसोल गांव सुहावनो,
मालानी सिरमौर,
भटियानी जी रो देवरों,
मैं निवन करां कर जोड़।
मैया कलयुग रा थे,
कहीजो अवतारी,
माजीसा अवतारी,
थारो मालानी में धाम,
बनीयो हद भारी,
ओ मैया गढ़ रे जसोल में,
धाम बनीयो हद भारी,
मैया भगता री थे कहीजो,
मां रखवाली,
मायड़ मोतिया वाली,
थारा परचा रो कोनी,
पार महीमा भारी,
थारा परचा रो कोनी पार,
आ महीमा भारी।।
ओ मैया जैसलमेर जोगीदा में,
जन्म धराया,
स्वरूप केवाया,
थाने जसोल गढ़,
कल्याण सिंह ने परणाया,
थाने जसोल गढ़,
कल्याण सिंह ने परणाया,
मैया भगतो री राखो लाज,
शरन थारी आया,
चरन मे आया,
ओ म्हारी मोतिया वाली मात,
गजब थारी माया,
मैया जग री पालनहारी,
गजब थारी माया।।
ओ मैया लाल बन्ना संग,
सवाई सिंह जी ने लावो,
राठौडी राजा ने लावो,
मां दीन दुखी,
भक्तों रा कारज सारो,
मां दीन दुखी,
भगतो रा कारज सारो,
मैया चारों खूंट में,
किरत जग में भारी,
आ महीमा निराली,
म्हारी माजीसा है,
भगतो की रखवाली,
म्हारी माजीसा है,
भगतो री रखवाली।।
ओ मैया चांदनी तेरस रो,
मेलो जोर भरावे,
भगत घणा आवे,
थारी होवे जय जयकार,
जमला जगावे,
थारी होवे जय जयकार,
ध्वजा लहरावे,
मैया आरतियां री,
वेला वेगी आवो,
मां दर्शन देवो,
मैया पूरो सबरी आस,
मां किरपा किजो,
मैया पूरो सबरी आस,
मां किरपा किजो।।
ओ मैया जो नर साचे,
मन सु आपने ध्यावे,
निहाल हो जावे,
आवे खाली हाथा,
झोली भर ले जावे,
आवे खाली हाथा,
झोली भर ले जावे,
मैया आपरा परचा,
पड़ रया है हद भारी,
इन कलयुग माई,
थारी लीला रो कोनी पार,
घूमर है निराली,
थारी लीला रो कोनी पार,
घूमर है निराली।।
ओ मैया ‘मनीष सीरवी’,
चरना शिश निवावे,
माजीसा ने ध्यावे,
मैया करदो भवसु पार,
ओ अरज सुनावे,
ओ मैया करदो भवसु पार,
विनती सुनावे,
मैया ‘माली दिनेश’,
शरण आपरी आवे,
ओ गाय सुनावे,
मैया धरजो सिर पर हाथ,
ओ शिश निवावे,
म्हारी माजीसा री महिमा,
वर्णी न जावे,
म्हारी माजीसा री महिमा,
वर्णीन न जावे।।
गायक – दिनेश जी माली नागौर।
लेखक / प्रेषक – मनीष सीरवी।
रायपुर जिला ब्यावर राजस्थान।
9640557818